Friday, October 23, 2009

दिल की धड़कन तेज होना

थोड़ा सा भी परिश्रम करने पर, तेज चलने पर, उठने-बैठने पर या इसी प्रकार के अन्य कार्य करने पर दिल की धड़कन असामान्य हो जाती है।

दिल की धड़कन असामान्य होना दिल की कमजोरी का प्रतीक होता है। इससे रक्त संचार भी बढ़ जाता है और घबराहट सी लगने लगती है। इसका घर पर सामान्य इलाज इस प्रकार किया जा सकता है-

* 10 ग्राम अनार के पत्ते लेकर 10 ग्राम पानी में डालकर हल्की आँच पर उबालें। यह काढ़ा सुबह-शाम प्रतिदिन पीने से दिल मजबूत बनता है और दिल की धड़कन सामान्य होती है।

* गाजर के 200 ग्राम ताजे रस में 100 ग्राम पालक का रस मिलाकर सुबह-सुबह प्रतिदिन पीने से दिल की धड़कन काबू में रहती है, दिल मजबूत रहता है तथा दिल से संबंधित सभी विकार दूर होते हैं।

* हृदय रोगी को खूब मथकर मक्खन निकालकर बनाई हुई छाछ एक गिलास प्रतिदिन पिलाई जाए तो हृदय की रक्तवाहिनियों में जमा चर्बी कम हो जाती है तथा दिल की धड़कन व घबराहट दूर होती है।

* आलूबुखारा व अनार खाने से भी दिल की बढ़ी हुई धड़कन काबू में होती है।

अन्य उपचार

लाल चंदन, सफेद चंदन, कपूर, मुलहठी, नीम के पत्ते, मेहंदी के पत्ते, मजीठ, गेरू, हिरमिची, बबूल के फूल और मूँगा भस्म सभी समान मात्रा में लें।

विधि : मूँगा भस्म को छोड़कर अन्य सभी औषधियों का कपड़छान चूर्ण बना लें। फिर चूर्ण तथा मूँगा भस्म को मिलाकर एकसार कर लें व एक शीशी में भर लें।

सेवन : बड़ों को चार रत्ती व बच्चों को आधा रत्ती से एक रत्ती तक दिन में दो बार केवड़ा अर्क, गुलाब अर्क या गाजवान अर्क के साथ दें।

Tuesday, September 15, 2009

Kidney Care

गुर्दे हमारे शरीर के सर्वाधिक महत्‍वपूर्ण अंगों में से एक हैं जो शरीर के मध्‍य भाग में स्थित होते हैं। गुर्दों के खराब होने के अनेक कारण हैं, परन्‍तु इस रोग के कारणों को मुख्‍यत: तीन भागों में विभाजित किया गया है।

एक्‍यूट रीनल फेल्‍योर

इसके मुख्‍य कारण हैं शरीर में पानी की कमी (डीहाइड्रेशन) और वि भिन्‍न प्रकार के संक्रमण। इसके अलावा ब्‍लडप्रेशर का अचानक बढ़ जाना और हेमरेज या दुर्घटना आदि। एक्‍यूट रीनल फेल्‍योर की स्थिति में समय से इलाज हो जाने से मरीज पहले की तरह स्‍वस्‍थ हो जाता है।

क्रानिक रीनल फेल्‍योर

इसे संक्षेप में सी आर एफ कहते हैं। बचपन या जन्‍म से गुर्दे में आनुवंशिक विकार, ब्‍लड प्रेशर, मधुमेह, गुर्दे या यूरेटर में स्‍टोन, यूरेनरी ट्रैक इंफेक्‍शन और लंबे समय से किसी घातक बीमारी के इलाज में कई दर्द निवारक दवाओं के लगातार सेवन से भी सी आर एफ के लक्षण प्रकट होते हैं।

क्रानिक रीनल फेल्‍योर वाले व्‍यक्ति नमक, हाई प्रोटीनयुक्‍त खाद्य पदार्थों जैसे दूध, घी, मांस, अंडा और रसीले फलों का सेवन कम से कम करें।

नेफ्रोटिक सिंड्रोम

इसमें गुर्दे से ज्‍यादा मात्रा में प्रोटीन निकलती है और आगे चलकर गुर्दो का क्रानिक रीनल फेल्‍योर की स्थिति में जाने का खतरा रहता है।

उपचार

जब गुर्दे पूरी तरह खराब हो जाते हैं, तो उनका इलाज चार प्रकार से संभव है। पहला, हीमोडायलिसिस। दूसरा सी ए पी डी (कांटिन्‍यूअस एंबुलेटरी पैराटोनियल डायलिसिस)। तीसरी प्रक्रिया है आटोमेटिड पैराटोनियल डायलिसिस (ए पी डी) और चौथी है गुर्दा प्रत्‍यारोपण।

हीमोडायलिसिस की प्रक्रिया में आर्टीफिशियल किडनी मशीन द्वारा खून की सफाई की जाती है। यह डायलिसिस सप्‍ताह में कम से कम 2 से 3 बार की जाती है। इसके लिए मरीज को डायलिसिस केन्‍द्र जाना पड़ता है।

डायलिसिस की दूसरी प्रक्रिया सी ए पी डी है। इस प्रक्रिया में एक छोटी सी ट्यूब कैथेटर पेट की पैरीटोनियल झिल्‍ली में लगाई जाती है और द्रव्‍य (दवाई का पानी) द्वारा मरीज को स्‍वत: हर 4 से 6 घंटे पर डायलिसिस करना पड़ता है। तीसरी प्रक्रिया है ए पी डी जो मुख्‍यत: सी ए पी डी की तरह ही होती है। बस फर्क यह है कि यह पूरी प्रक्रिया मशीन के द्वारा होती है। मरीज अपने घर पर इस छोटी मशीीन के द्वारा डायलिसिस कर सकता है। यह प्रक्रिया रात में सोते समय की जाती है।

प्रत्‍यारोपण की जरूरत

कई बार गुर्दा प्रत्‍यारोपण की आवश्‍यकता पड़ती है। इस प्रक्रिया में मरीज और दानकर्ता के ब्‍लड ग्रुप की मैचिंग के साथ कई प्रकार के आवश्‍यक टेस्‍ट व टिश्‍यू मैच किए जाते हैं। दानकर्ता का पूर्ण रूप से स्‍वस्‍थ होना अति आवश्‍यक होता है। गुर्दा प्रत्‍यारोपण के बाद का जीवन परिवर्तित जीवन शैली, दवाइयों का नियमित सेवन, खान-पान में परहेज, साफ-सफाई का पूरा ख्‍याल रखना और संक्रमण से बचाव आदि बातों पर निर्भर करता है।

High Blood Pressure

उच्‍च रक्‍तचाप

उच्‍च रक्‍तचाप रोग नहीं है बल्कि शरी की रक्षात्‍मक प्रणाली एवं संस्‍थान ठीक करने के लिए संकेत है। उच्‍च रक्‍तचाप आधुनिक युग की देन है जिसके फलस्‍वरूप पक्षाघात (लकवा), गुर्दे बेकार, दृष्टिदोष, अति दुर्बलता एवं हृदय रोग इत्‍यादि हो जाते हैं।

लक्ष्‍ण:- प्रात: चलते समय सिर व गर्दन के पीछे दर्द, बेचैनी, चिड़चिड़ापन, मानसिक असंतुलन, सिरदर्द, छाती में दर्द, घबराहट, क्रोध, जल्‍दी उत्‍तेजित हो जाना, चेहरे पर तनाव, पाचन संस्‍थान की खराबी, आंखों का लाल होना, हृदय की धड़कन बढ़ जाना, अनिद्रा, नाक से खून आना इत्‍यादि एवं रक्‍तचाप सामान्‍य से अधिक हो जाना।

कारण:- कब्‍ज, अपच, रक्‍त कोलेस्‍ट्रोल बढ़ जाना, धूम्रपान, अंत:स्रावी ग्रन्थियों (endocrine glands) का ठीक काम न करना, तनाव, गुर्दे की खराबी, मोटापा, गलत आहार-विहार, अम्‍लकारक खाद्य पदार्थो, नमक, चाय, काफी, सॉस, तला-भुना मसालेदार गरिष्‍ठ भोजन इत्‍यादि का अधिक सेवन तथा क्षमता से अधिक मानसिक कार्य करना, उचित व्‍यायाम एवं विश्राम का अभाव इत्‍यादि। गर्भावस्‍था में Toximia हो जाने के कारण भी उच्‍च रक्‍तचाप बढ़ जाता है।

उपचार

उपरोक्‍त कारणों को दूर करें। यथाशक्ति कुछ दिन रसाहार (खीरा रस, गाजर रस, केले के तने का रस, चुकन्‍दर का रस, बथुआ-हरा धनिया-पालक इत्‍यादि का रस, नारियल पानी, नींबू शहद का पानी, घीया का रस, गेहूं के जवारे का रस, मौसम्‍मी का रस, गाय की छाछ) प्‍याज, ककड़ी, टमाटर, संतरा, लौकी, सोयाबीन की दही फिर कुछ दिन अपक्‍वाहार (फल, सलाद, अंकुरित) बाद में एक बार फल, एक बार सलाद, चोकर समेत आटे की रोटी एवं सब्‍जी।

तुलसी के पत्‍ते काली मिर्च के साथ सेवन करें। प्रात: खाली पेट तुलसी के पत्‍ते शहद लगाकर चबायें। प्रात: एक नींबू का रस एवं एक चम्‍मच शहद पानी में मिलाकर पीना बहुत की लाभकारी है। रात भर तांबे के बर्तन में रखा पानी पियें। त्रिफला का सेवन विशेष लाभकारी है।

Jai Hanumaan Gyan Gun Sagar

पूर्ण और शुद्ध प्रेम भक्ति है....भक्त प्रेमी होता है....प्रेम और भक्ति का पूर्ण रूप से अनुभव........ प्रेम की पराकाष्‍ठा




Sri Tulsi Das wrote Hanuman chalisa in the praise of Hanuman. Though I listen and chant it everyday night before I go into bed & now it's becoming deeper and profound for me. I could see that Sri Tulsi Das has put all the qualities of a perfected devotee in this forty verses song. Also in Narada Bhakti Sutra, Narada Muni included Hanuman among 13 Devotees who have Mastered the path devotion. In this post I have put the Hanuman Chalisa highlighting the qualities which Sri Tulsi Das has quoted in this beautiful song in the praise of Hanuman.

श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुर सुधार,बरनौ रघुवर बिमल यस, जो दायक फल चार.
बुधिहीन तनु जानी के, सुमिरो पवन कुमार,बल बुधि विद्या देहु मोहीं, हरौ कलेस वीकार.

Sri Guru charana saroja raj, Nija mana mukura sudhar,baranau Raghuvara vimala yasa, Jo dayaka phala charBudhiheen thanu jaani ke, Sumeero pavana kumar,Bala budhi vidhya dehu mohee, Harau klesa bikar.

Chaupai Hanuman Chalisa

Jaya Hanuman Gyan Gun Sagar Jaya kapeesa thihu loka ujagara. 1

Rama dhootha, athulitha bala dhama,Anjani puthra pavana sutha nama, 2

Maha veera vikrama bhaja rangi,Kumathi nivara sumathi ke sangi. 3

Kaanchan varna viraja suvesha,Kannan kundala kunchitha kesa. 4

Hatha bajra aur thwajaa virajai,Kanthe munja janehu sajai. 5

Shankara suvana, kesari nandana,Theja prathapa maha jaga vandana. 6

Vidhyavan, gunee athi chathura,Ram kaaja karibe ko aathura. 7

Prabhu charitha sunibhe ko rasiya,Rama Lakshmana Sita mana basiya. 8

Sookshma roopa dhari siya him dikhava,Vikata roopa dhari Lanka jarava. 9

Bheema roopa dhari asura samhare,Ramachandra ke kaj sanvare*, 10

Laaya sanjeevan lashana jiyaye,Sri Raghuveera harashi ura laye, 11

Raghupathi keeni bahuth badayi,Thum mama priya hee Bharatha sama bhayi. 12

Sahasra vadana thumharo yasha gavaim,Aaha kahavai Sri pathi kantha lagavai, 13

Sanakadhika brahmadhi muneesa,Narada saradha sahitha aheesa, 14

Yama, Kubhera dikapala jahamthey,Kavi kovidha kahi sakaim kahamthey, 15

Thum upakara sugreevaheem keenha,Rama milaya rajapatha deenha, 16

Thumharo manthra Vibheeshana maana,Lankeswara bhaye saba jaga jaana. 17

Yuga sahasra yojana para Bhanu,Leelayo thahi madura bala janu. 18

Prabhu mudrika meli mukha maheem,Jaladhi landhi gaye acharaja naaheem. 19

Durgama kaj jagat ke jethe,Sugama anugraha thumhare dethe, 20

Rama dware thuma rakhawale,Hotha na agyan bina paisare. 21

Sab sukha lihai thumhari sarana,Thum rakshak kahu ko darna, 22

Aapana theja samarou aapai,Theenom loka hankthe kaapain, 23

Bhootha pisacha nikata nahi aavai,Mahabeera Jap naama sunavai. 24

Nasai rog harai sab peera,Japatha niranthara hanumath beera. 25

Sankata se Hanuman chudavai,Mana karma vachana dhyana jo lavai. 26

Sab par Ram thapasvi raja,Tinake kaja sakala thum sanja. 27

Aur manoradha jo koi lavai,Soye amitha jeevan phala Pavai. 28

Charahu yuga prathap thumhara,Hai parasidha jagatha ujiyara. 29

Sadu santh ke thum rakware,Asura nikanddana rama dhulare. 30

Ashta sidhi nava nidhi ke datha,Aasa vara dheen Janaki matha. 31

Ram rasayana thumhare pasa,Sada rahow Raghupathi ke dasa, 32

Thumhare bhajan ram ko pavai,Janma janma ke dukha bisaravai, 33

Antha kal Raghupati pura jayee,Jahan janma Haribaktha kahayee, 34

Aur devatha chitha na darayee,Hanumath seyi sarva sukha karayee. 35

Sankata harai, mitai sab peera,Jo sumirai Hanumath bala beera. 36

Jai jai jai Hanuman gosai,Krupa karahu Gurudeva kee nayi. 37

Yah satha baar pata kara joyi,Chhootahi bandhi, maha sukha hoi. 38

Jo yah pade Hanuman chaleesa,Hoi sidhi sake goureesa. 39

Thulasidasa sada Hari Chera,Keejai nada hrudaya maha dera. 40

Qualities of Devotee

Messenger of Master, Hold Immeasurable Strength ,

Extraordinarily brave,Keep company of truth,Well-learned Sharp & skillful

Eager to do work of Master,Always engrossed in listening about Master’s life

Always keep Master in the heart,Always take care of Master’s Work

Compassionate,Bring people to Master,Very Childlike, playful and innocent

Win over difficult task in the world.Stay at the doorstep of Master

Take care of your own (splendid) Energy,Master is Renunciate King
who practice penance (Like our Guruji, He is sanyasi yet like King :))

Make the all difficult task of Master very easy,Be angelic Care taker of seekers on path

Beloved of Master,Have devotion of Master (for all problems)

Always be obedient devotee of Master,

Finally in the end (after performing all duties) goes to Masters abode

Not keep any other faith in Heart (other than Master)

Dohaa

पवन तनय संकट हरण, मंगल मुरती रूप,राम लषण सीता सहित, ह्रदय बसहु सुर भूप

Pavantanaya Sankat Haran, Mangal Murati Roop,
Ram Lashan Sita Sahit, Hriday Basahu Sur Bhup.